हो जाओ सावधान सार्वजनिक स्थानों पर लगे चार्जिंग स्टेशन पर डिवाइस चार्ज करने से हो सकते हो साइबर के शिकार : एसपी सुरेन्द्र भोरिया
Be Careful
चंडीगढ़। Be Careful: डिजिटल क्रांति के इस युग में हमारा ज्यादातर काम ऑनलाइन हो गया है या फिर हम अपने मनोरंजन(Entertainment) के लिए इंटरनेट यूज करते रहते है। शॉपिंग से लेकर बिल भरने तक बैंक से जुड़े भी कई काम करने में हम ऑनलाइन मोबाइल(online mobile) लैपटाप या अन्य डिवाइस का प्रयोग करते है। कई बार जालसाज आपके इन उपकरणों को विभिन्न तरीकों से हैक करके आपका डाटा चुरा कर साइबर क्राइम को अंजाम देते है । आजकल सक्रिय साइबर अपराधी साइबर अपराध करने के नए नए तरीके अपना रहे है । अब साइबर अपराधी लोगों से ठगी के लिए सार्वजनिक स्थानों पर लगे चार्जिंग स्टेशनों को हथियार बना रहे हैं। पुलिस द्वारा समय समय पर साइबर अपराध से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की जाती है ताकि आमजन सतर्क व सचेत रहकर अपने पैसे की सुरक्षा कर सके।
विस्तृत जानकारी
इसके बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक अधीक्षक सुरेन्द्र भोरिया ने बताया कि कई बार हम बाहर होते है तो हमारे मोबाईल लैपटॉप व अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की बैटरी खत्म हो जाती है तो ऐसे में हम किसी चार्जिंग प्वाइंट का इस्तेमाल करते है। सरकार द्वारा आमजन की सुविधा के लिए कई जगहों पर चार्जिंग स्टेशन लगाए गए है लेकिन साइबर ठग वहां पर भी इन चार्जिंग स्टेशनों की मार्फत अकाउंट में सेंध लगा सकते है। उन्होने बताया कि होता यह है कि इन चार्जिंग स्टेशनों पर लगी हुई डाटा केबल में जालसाजों द्वारा पहले से ही चीप लगाई होती है, यदि कोई आमजन उस डाटा केबल से अपनी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस चार्ज करता है तो जालसाज डाटा केबल में लगी चीप के मार्फत डिवाइस का सारा डाटा उस चिप में स्टोर कर लेते है। इसी डाटा की मार्फत वो बाद में अकाउंट खाली करके साइबर क्राइम को अंजाम देते है। एसपी ने ऐसे अपराधों से बचने के लिए बताया कि सार्वजनिक स्थानों पर लगे इस प्रकार के चार्जिंग स्टेशनों का इस्तेमाल करते समय ध्यान रखे कि वहां पर पहले से लगी डाटा केबल का प्रयोग न करे। अपनी डिवाइस चार्ज करते समय अपनी खुद की तथा किसी जानकार विश्वसनीय व्यक्ति की ही डाटा केबल या चार्जर प्रयोग में लाए। एसपी ने आगे बताया कि जरूरी नही कि केवल सार्वजनिक स्थानों पर ही ऐसे साइबर अपराध होते है बल्कि किसी दुकान, शोरूम माल आदि में भी ऐसे अपराधों के शिकार हो सकते है।
डिवाइस को चार्ज पर लगा कर उसे छोड कर न जाए
आमजन से अपील करते हुए पुलिस अधीक्षक ने कहा कि कहीं पर भी अपनी डिवाइस को चार्ज पर लगा कर उसे छोड कर न जाए बल्कि उस पर लगातार निगरानी रखे। किसी भी दुकानदार या अन्य अज्ञात को अपनी डिवाइस का पासवर्ड न बताए। अगर जरुरी भी हो तो अपनी निगरानी में पासवर्ड ओपन करें तथा डिवाइस लेते ही अपना पासवर्ड बदलें। उन्होने कहा कि जरूरी नहीं कि स्कैमर तुरंत ही आपका खाता खाली करें हो सकता है भोला भाला दिखने वाला जालसाज आपका विश्वास जीत कर कई दिनों के बाद साइबर क्राइम को अंजाम दे। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि अगर सावधानी या सतर्कता रखने के बावजूद भी आपके साथ किसी प्रकार का साइबर फ्रॉड हो जाता है तो घबराएं नहीं । बल्कि तुरंत साइबर धोखाधड़ी होने पर शिकायत साइबर हेल्प डेस्क नंबर 1930, अपने बैंक तथा नजदीकी पुलिस स्टेशन में दें और साइबर क्राइम पोर्टल cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत रजिस्टर्ड कराए। प्राय देखने में आता है कि पीड़ित व्यक्ति जब 1930 पर काल करता है तो वहां कार्यरत कर्मचारी द्वारा डिटेल्स पूछी जाती है तो पीड़ित हडबडाहट में पूर्ण डिटेल्स नही देता और फोन काट देता है ऐसे मे आपकी शिकायत अधूरी रह जाती है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 1930 पर काल करने से पहले आपको पीडित का नाम, मोबाईल नंबर, निकटतम पुलिस स्टेशन, जिला, बैंक का नाम, डेबिट राशि, खाता संख्या/वॉलेट मर्चेंट, यूपीआई आईडी जिससे राशि डेबिट की गई है, धोखाधड़ी कैसे हुई इसका संक्षिप्त विवरण का पता होना चाहिए। ये सब डिटेल्स देने के बाद आपकी शिकायत दर्ज होगी तथा आपके पैसे का दुरुपयोग होने से बचाव होगा ।
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